ट्रेलर में लिव इन रिलेशनशिप के बारे में बताया गया है. फिल्म के दोनो लीड्स सिर्फ तब तक ही साथ रहना चाहते हैं जब तक उनका करियर डिफाइन नहीं हो जाता. इसके बाद वो एक दूसरे से अलग हो जाएंगे. लेकिन इसके बाद ट्रेलर में ट्विस्ट आता है जब दोनों लीड्स को एक दूसरे के प्रति लगाव हो जाता है. तो क्या वाकई दो लोगों को साथ रहने पर एक दूसरे से प्यार हो जाता है? या फिर ये सिर्फ लगाव होता है, या महज एक आदत. अब फिल्म में जो भी दिखाया जाए एक बात तो पक्की है कि दो लोग साथ रहते-रहते एक दूसरे के आदी हो जाते हैं.
- लिव इन या लव?
बेफिक्रे के जमाने में जहां कमिटमेंट फोबिक जनता है वहीं ऐ दिल है मुश्किल, बेफिक्रे और ओके जानू जैसी फिल्में ये साफ जाहिर कर रही हैं कि अब प्यार और रिलेशनशिप के मायने बदल गए हैं, लेकिन फिर भी अंत में एक मैसेज जरूर दिया जाता है कि अंत में प्यार हो ही जाता है. जहां एकदम रिलेशनशिप में आना ठीक नहीं वहीं कुछ हद तक कमिटमेंट फोबिया भी सही नहीं.
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