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Friday, December 16, 2016

खुल गया राज, तो इस वजह से पकड़े जा रहे हैं नोट!!!

नोटबंदी के बाद जहां नोटों की किल्लत बढ़ गई है वहीँ जगह जगह से नए-नए करोड़ों नोट बरामद हो रहें हैं। लेकिन लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि इन नए नोटों तक पुलिस कैसे पहुंच जा रही है। सभी अपनी अपनी कहानियां बना रहें हैं। लेकिन इन नए नोट पीछे कुछ अलग ही कहानी निकल कर सामने आ रही है जो काफी हैरान करने वाली है।

नए नोट में लगी है रेडियोएक्टिव स्याही, जो खुद लोगों को बता रहे अपना पता

दरअसल इन नए नोटों में रेडियो एक्टिव इंक लगी है। कई देशो में रेडियोएक्टिव स्याही का प्रयोग इंडिकेटर के रूप में किया जाता है। जिससे किसी भी चीज़ को ढूंढने में आसानी होती है। इसके आधार पर अगर ये कहें कि ये नए नोट अपना पता खुद पुलिस को बता रहीं हैं तो कुछ गलत नहीं होगा।

एक जगह पर ज्यादा नए नोट खुद आईटी विभाग को बुलावा भेज देतीं हैं। अब आपको बता देतें हैं कि इसके पीछे क्या कहानी है। 500 और 2000 की नई करेंसी में इस इंक का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि इस स्याही की सक्रियता एक समय के बाद कम हो जायेगी।

वैसे इस नए नोट को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के अफवाहों ने बाजार गर्म किया। जीपीएस की बात को खुद सरकार ने सिरे से नकार दिया। हालांकि इंक वाली खबर भी कितनी सच है इसकी हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर ये वायरल है।

लेकिन अगर तथ्य माना जाए तो एक तरह से ये खबर सही हो सकती है। इस इंक का एक इंडिकेटर के रूप में काम में लिया जा रहा है जिसके कारण अब नोट खुद ही अपना पता बता रहे हैं। इस स्याही में रेडियो एक्टिव का इस्तेमाल P32 फास्फोरस का रेडियोएक्टिव व आइसोटोप है।

जिसके नाभिक में 15 प्रोटीन और 17 न्यूट्रोन होते हैं जिसे रेडियो एक्टिव स्याही में बेहद कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है। जब ये नए नोट एक जगह ज्यादा मात्र में मौजूद हो जाते हैं तो वार्निंग टेप की तरह काम करता है। इसी वजह से जो लोग भी भारी मात्रा में अपने पास नई नगदी रख रहे हैं वे पकड़े जा रहे हैं। इन नोटों से हानिकारक रेज भी निकलतें हैं जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हैं इस वजह से त्वचा का कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है।

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