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Sunday, December 25, 2016

25 साल बाद फिर से कश्मीर में पीएम मोदी ने स्थापित कराई मां दुर्गा की दुर्लभ प्रतिमा

दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले से 90 के दशक में चोरी होकर जर्मनी पहुंची महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की मूर्ति वापस अपने स्थान कश्मीर पहुंच गई है। 8वीं सदी की इस मूर्ति को अक्तूबर महीने में जर्मन चांसलर एंजेला मरकेल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में सौंपा गया था।

इसके बाद अब इसे कश्मीर लाकर श्रीनगर के प्रताप सिंह म्यूजियम में रखा गया है। प्रताप सिंह म्यूजियम के क्यूरेटर मोहम्मद इकबाल के अनुसार यह मूर्ति 8वीं सदी से संबंध रखती है। यह ऐसा जमाना था जब कश्मीर में महाराजा ललितादित्य का दौर था और उस दौर में ही कश्मीर में सूर्य मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण स्मारक बने जो घाटी में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

महाराजा ललितादित्य के दौर में ही कश्मीर में मूर्तिकला उभरकर सामने आई। कश्मीर घाटी की मूर्तिकला के इतिहास पर इकबाल ने बताया कि यहां पहले बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग रहा करते थे और जो भी उनकी प्रार्थना के लिए मूर्ति चाहिए होती थी उसे यहीं पर तराशा जाता था।

बेहद दुर्लभ है प्रतिमा का शिल्प


मां दुर्गा की मूर्ति का शिल्प अत्यंत दुर्लभ है, जिसके मेल की मूर्ति अब कहीं नहीं मिलती। घाटी में हिंदू पहले शिव और विष्णु, जबकि बौद्ध लोग बुद्ध को पूजते थे। मां दुर्गा की इस मूर्ति से घाटी के ताल्लुक पर उन्होंने बताया कि मां दुर्गा के उपासक कश्मीर में नहीं रहे, लेकिन फिर भी यह कश्मीरी मूर्तिकला की देन है, जिसमें ठेठ कश्मीरी शिल्प दिखाई देता है।

उन्होंने बताया कि जो भी मूर्तियां किसी भी आर्कियोलॉजिकल साइट्स से निकलती हैं, उन्हें यहां म्यूजियम में लाया जाता है। इकबाल के अनुसार उनके विभाग की रजिस्ट्रेशन ऑफ एंटीक्स शाखा के तहत प्राचीन काल की वस्तुएं रजिस्टर की जाती हैं।

इसी शाखा से पता चला था कि यह मूर्ति दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में रहने वाले एक पंडित घराने के पास मौजूद थी और वहां से उसे चोरी कर स्मगल किया गया था। मूर्ति को जर्मनी में जब्त कर लिया गया जिसे बाद में वापस घाटी लाया गया है।

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