कोरोना संक्रमण के कारण काशी की कई परंपराएं प्रभावित हुई हैं। इसी क्रम में सावन में निकलने वाली जलाभिषेक यात्राओं की परंपरा भी शामिल हैं। सावन में शहर के कई संगठनों द्वारा बाबा का जलाभिषेक किया जाता है। कोरोना संक्रमण के कारण जलाभिषेक यात्राओं को निरस्त कर दिया गया है।
श्री बाबा काशी विश्वनाथ भक्त सेवा समिति की ओर से सावन के अंतिम सोमवार को बाबा का जलाभिषेक करने की परंपरा पिछले 21 सालों से चली आ रही है। कांवरिया भक्तों की सेवा करने के बाद समिति के पदाधिकारी शोभायात्रा निकालकर बाबा का जलाभिषेक करते थे।
कोरोना संक्रमण के कारण समिति ने शोभायात्रा निरस्त कर दी है। वहीं पदाधिकारियों ने केवल परंपरा निर्वहन करने का निर्णय लिया है। कोरोना संक्रमण के कारण केवल पांच लोग बाबा का जलाभिषेक कर परंपरा निभाएंगे।
सावन के अंतिम रविवार को विशेष जलाभिषेक
मंडल शिवपुर कमेटी के बैनर तले शिवपुर निवासी 2002 से जलाभिषेक करते आ रहे हैं। संस्था ने भी शोभायात्रा निरस्त कर दी है और केवल पांच लोग ही जलाभिषेक के लिए जाएंगे। संस्था के बैनर तले रामलीला मैदान स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण से सावन के आखिरी रविवार को बाबा विश्वनाथ की कलश यात्रा आरंभ होती है और जलाभिषेक होता है।
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